Skip to main content

Basic Electronic Part 10

 



(11) IC (Integrated Circuit/Chip)

Real Shape –

 

It is small semiconductor component , which has many electronic component like Transistor , MOSFET and diode etc.

It is denoted by U, and come in number.

Note – आईसी को लगाते समय ध्यान दे की आईसी सही तरीके से लगा है की नहीं , नहीं तो मदरबोर्ड शॉर्ट/खराब होने की संभावना रहता है।

आईसी मे हल्का सा पॉइंट /बिन्दु राहत है और मदरबोर्ड मे तीर का निशान छपा होता है या फिर लाइन ( आईसी के चारों तरफ चार लाइन मे एक लाइन मोटी होती है ) होती है , जिससे यह पता चलता है की आईसी का पॉइंट / बिन्दु और मदरबोर्ड का arrow/ तीर एक ही साइड मे रहेगी।  

 

Type – there are mainly two type according to working concept

 

a) Analog IC – It work on analog waveform signal.

इसका प्रयोग amplifier, voice फ़िल्टर, सिगनल processing के लिए किया जाता है।

 

b) Digital IC – It work on digital signal

इसका प्रयोग लगभग सभी बोर्ड मे किया जाता है , लैपटॉप और डेस्कटॉप के मदरबोर्ड मे भी इसका प्रयोग किया जाता है।

 

Advantage of IC’s

a) Externally Small size

b) Lower power consumption

c) Very small weight

d) Very low cost

e) better Performance

 

Disadvantage of IC’s

a) Don’t repair IC

b) Difficult to replace on board

c) no any cool testing

 

 

 

Testing IC

IC only online check, if IC requirement biasing ok but any output according own it means faulty.

आईसी को आनलाइन टेस्टिंग या हॉट टेस्टिंग के द्वारा चेक किया जाता ह। इसको चेक करने के लिए आपको इसके वोल्ट को चेक करना पड़ेगा।

जैसे की साउन्ड पोर्ट मे ( o – 3.3volt, o – 5 volt,  आता है ) अगर वोल्टेज सही आता है तो साउन्ड आईसी सही है अगर वोल्टेज नहीं आता है तो साउन्ड आईसी खराब है।

 

 

 

Comments

Popular posts from this blog

सड़क के किनारे पीले, सफ़ेद, जैसे अलग अलग रंग के पत्थर क्यों लगे होते है? जाने......

  पुराने जमाने में जब GPS जैसी तकनीक नहीं थी, तब लोग मील के पत्थरों के आधार पर यात्रा करते थे. प्राचीन समय में मील के पत्थरों का उपयोग पुराने समय में जब हमारे पास सेल फोन या जीपीएस जैसी तकनीक नहीं थी, तब लोग मील के पत्थरों के आधार पर यात्रा करते थे. ये पत्थर न केवल दूरी बताते थे, बल्कि यह भी जानकारी देते थे कि अगला शहर कौन सा है, वह कितनी दूर है और आप किस सड़क पर यात्रा कर रहे हैं. मील के पत्थरों के रंग और उनके अर्थ भारत में मील के पत्थर मुख्यतः चार रंगों में होते हैं. भारत सरकार चार प्रकार की सड़कों का रखरखाव करती है. 1.नारंगी मील का पत्थर: पंचायत सड़कें नारंगी और सफेद रंग का मील का पत्थर ग्रामीण सड़कों को दर्शाता है. ये सड़कें गांवों को मुख्य शहरों और अन्य महत्वपूर्ण सड़कों से जोड़ती हैं. इनका रखरखाव जिले की पंचायतों द्वारा किया जाता है. इस रंग का माइल स्टोन और मिल का पत्थर अगर आपको दिखाई दे तो समझ लीजिए कि आप किसी गांव-देहात की सड़क पर हैं। आपको बता दें कि ये सड़क  प्रधानमंत्री  ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी होती है और इस सड़क की ज़िम्मेदारी जिले के पास होती है। आप...

Software Part 7

Bit Locker on drive बिट लाकर कैसे लगाए Bit locker लगाते समय पासवर्ड लगाने के बाद एक 48 अंकों का recovery key भी मिलता है। जिसकी मदद से Bit Locker को open कर सकते है। कभी – कभी अगर आप पासवर्ड को भूल जाते हो तो आप recovery key के द्वारा भी खोल सकते है इसीलिए recovery key को अपने ईमेल पर ही save कर ले ताकि भविष्य मे bitlocker password भुलाने पर bitlocker के रिकवरी key से खोल सके , नहीं तो आपको harddsik को format करना पड़ेगा जिसकी वजह से आपकी सारा फोटो, विडिओ और document सब डिलीट हो जाएगा । Ø Select drive and right click Ø Turn on bit locker Ø Tick on use a password to unlock the drive Ø Give the password minimum 8 digit Ø Next Ø Save the recovery key a file Ø Select desktop and save Ø Next Ø Start encrypting Ø And system restart   How to block usb port यूएसबी ( USB ) पोर्ट को ब्लॉक कैसे करे इस method मे आप अपने usb port को pendrive / Hard Disk के लिए block कर सकते है । लेकिन उसी usb port मे आप mouse या keyboard लगते है तो वह काम करेगा सिर...

Laptop Part 3 Window Installation Software Require

                                                                      Installation In this process when we load operating system in our harddisk . Its is called installation. Before installation check system configure.   Minimum hardware requirments Windows 7 hardware requirments ·       Processor – 1 GHz ·       RAM – 512 MB ·       Hard Disk – 16gb for 32 bit, 20gb for 64 bit अगर अपने कंप्युटर या लैपटॉप मे विंडो 7 इंस्टाल करते है तो कंप्युटर या लैपटॉप का प्रोसेसर 1 गीगाहर्ट्ज , रैम कम से कम   512 mb और हार्ड डिस्क की साइज़ कम कम 32 बिट के लिए 16 gb और 64 बिट के लिए 20 gb होना चाहिए । तब जाकर विंडो इंस्टॉल होगा । अगर requirement पूरा नहीं होगा तो विंडो 7 इंस्टॉल नहीं होगा । ( डाटा को डिजिटल कंप्यूटर में 0 एवं 1 ...