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नेवले पर क्यों नहीं चढ़ता सांप का जहर?

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सड़क के किनारे पीले, सफ़ेद, जैसे अलग अलग रंग के पत्थर क्यों लगे होते है? जाने......

  पुराने जमाने में जब GPS जैसी तकनीक नहीं थी, तब लोग मील के पत्थरों के आधार पर यात्रा करते थे. प्राचीन समय में मील के पत्थरों का उपयोग पुराने समय में जब हमारे पास सेल फोन या जीपीएस जैसी तकनीक नहीं थी, तब लोग मील के पत्थरों के आधार पर यात्रा करते थे. ये पत्थर न केवल दूरी बताते थे, बल्कि यह भी जानकारी देते थे कि अगला शहर कौन सा है, वह कितनी दूर है और आप किस सड़क पर यात्रा कर रहे हैं. मील के पत्थरों के रंग और उनके अर्थ भारत में मील के पत्थर मुख्यतः चार रंगों में होते हैं. भारत सरकार चार प्रकार की सड़कों का रखरखाव करती है. 1.नारंगी मील का पत्थर: पंचायत सड़कें नारंगी और सफेद रंग का मील का पत्थर ग्रामीण सड़कों को दर्शाता है. ये सड़कें गांवों को मुख्य शहरों और अन्य महत्वपूर्ण सड़कों से जोड़ती हैं. इनका रखरखाव जिले की पंचायतों द्वारा किया जाता है. इस रंग का माइल स्टोन और मिल का पत्थर अगर आपको दिखाई दे तो समझ लीजिए कि आप किसी गांव-देहात की सड़क पर हैं। आपको बता दें कि ये सड़क  प्रधानमंत्री  ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी होती है और इस सड़क की ज़िम्मेदारी जिले के पास होती है। आप...

Basic Electronic part 11

  (12) MOSFET ( Metal Oxide Semiconductor Field Effect Transistor)   Symbol – Real Shape – MOSFET का काम भी transistor की तरह होता है लेकिन यह ट्रैन्ज़िस्टर से फास्ट कांम करता है । MOSFET is just like transistor, it advance from transistor. It Also a semiconductor device used to amplify , high speed switch ( जो सजावट वाली लाइटो मे बॉक्स होता है उसमे MOSFET   लगी होती जिसके वजह से जलती और बुझती है ) oscillator, as switch, voltage regulate and DC to AC electronic ( जैसे इंवर्टर ) signal and electrical power.   It has three terminal – a) Drain                       b) Source                       c) gate   it is denoted by Q, PQ, U and come in number इसमे भी ट्रांसिस्टर की तरह टर्मिनल (पैर) होते है। बस ट्रांसिस्टर लैपटॉप और कंप्युटर के मदर...